तू है राम की भी माँ तू है शाम की भी माँ
तू है राम की भी माँ तू है शाम की भी माँ
तू ही माता सारे अवतारों की
माँ मिट्टी चन्दन है तेरे दरबारो की
तू है राम की भी माँ तू है शाम की भी माँ
तू ही माता सारे अवतारों की
मिट्टी चन्दन है तेरे दरबारो की
इस सृष्टी पे तेरा अधिकार है माँ
जैसे तु चाहे ये चलता है ससांर माँ
तुझ से पू़छे बिना कुछ होता नही
कोई हसँता नही कोई रोता नही
तेरी छाया तले हर प्राणी पले
बनती बिगङी हजारो की
मिट्टी चन्दन है तेरे दरबारो की
तेरी महिमा का करते जो गुणगान माँ
उनकी मुश्किल को करती तू आसान माँ
तेरे चरणों मे श्रद्धा से जो सिर धरे
झुक के वो झोली सुख के हीरो से वो अपनी भरे
तेरी चौखट पे आ लाल चुनरी चढा़
जागी किस्मत है माँ बेसुमारो की
मिट्टी चन्दन है तेरे दरबारो की
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