तेरा विछोड़ा दातिए हुन मेथो सहा ना जाये,
तू आप ते बेठी भवन ते मेनू राती नींद ना आये,
मैं उठ उठ के माँ उठ उठ के माँ वेखा बारियां,
मैं रो रो के माँ रो रो के एह अखा हरियां,
मैं बेबस ऐना हो गया तेरी याद दे विच माँ खो गया,
पर तू न दर्श दिखाए,
तू आप ते बेठी भवन ते मेनू राती नींद ना आवे,
बिना तेरे बिना तेरे कोई भी था नही,
या कह दे तू या कह दे तू के मेरी माँ नही,
बचियाँ दा किसे ते जोर नही माँ तेरे बिना कोई होर नही,
दस केडा लडावे,
तू आप ते बेठी भवन ते मेनू रती नींद ना आवे,
मैं पाइयां ने माँ पाइयां ने कई तेनु चिठियाँ,
मैं लिखियाँ ने माँ लिखियाँ ने गल्लां कई मिठियां,
तू सब दे दिला दीयाँ जाने माँ हूँ आजा किसी बहाने माँ,
मेनू तेरी याद सतावे,
तू आप ते बेठी भवन ते मेनू रती नींद ना आवे,
तू आ जावे तू आ जावे मेरी एहे आस माँ,
के मिट जावे के मिट जावे एहे दिल दी प्यास माँ,
बचियाँ दी तू रखवाली माँ तू ही वैष्णो तू ही काली माँ,
तेरा भेद कोई न पावे
तू आप ते बेठी भवन ते मेनू रती नींद ना आवे,
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