मेरे दिल मे तू है, फिर मै हू कहां।
तू जहां जहां मै वहाँ वहाँ
जब तू ही तू है फिर मै हू कहां,
मेरे दिल मे तू है, फिर मै हू कहां।
जय वैष्णो माँ जय वैष्णो माँ
तू वैष्णो विश्व की मालक है
तू सारे जग की पालक है
पर्वत क उपर डेरा है
सुन्दर सी गुफ्फा मे बसेरा है
हो हो हो मेरे दिल मे तू है, फिर मै हू कहां।
जय वैष्णो माँ जय वैष्णो माँ
तेरी शरण मे माँ,सब भगत खडे होंगे,
ऊन मे मै भी खडा होंगा,
मेरे बारे भी सोचना माँ,
तेरे चरणो मे माँ सब की अर्ज़ी पडी होगी,
इक मेरा भी पत्र होगा,
मेरे बारे भी सोचना माँ,
सब के दुख अपने अपने है
सबने देखे कुछ सपने है
माँ बच्चौ का उधार करो
सपने सब के साकार करो
सबके दुख दूर करो
सबके भण्डार भरो
सबके कष्ट कलेश हरो
मेरे बारे भी सोचना माँ,
सबको माँ साहारा तेरा है
सब तेरे आसरे पलते हैं
तेरे ही जगाये जग्ते हैं
तेरे ही चलाये चलते हैं
तुम सबकी मालक हो
जग की संचालक हो
माँ हर जिव की पालक हो
मेरे बारे भी सोचना माँ,
मै चंचल हूं दिवाना हूं
तेरी जोति का पर्वाना हूं
तुझसे ही जीवन पाया है
तुने सबको तारा है
हर कोई तुम्हे प्यारा है
सबको तेरा सहारा है
मेरे बारे भी सोचना माँ,
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