भूल भुलेखे जदों साडी याद आवे, सानु याद कर लई
गुफा विच बैठी ये जे दिल घबराए तेरा, ते सानु याद कर लई
अस्सी तेरे बच्चे दस सानु क्यूं बिसरियां,
सुनी ना पुकार साडी, जदों वी पुकारया ।
जदों तेरे कन्नां तक साडी वाज़ जाए, सानु याद कर लई माँ
भूल भुलेखे जदों साडी याद आए...
माए तेरे दीद दियां अखियाँ प्यासियां,
कदों तक रैन गियाँ दिलां च उदासियाँ ।
एदे कोलों पहेलां मेरी सांस टूट जाये, सानु याद कर लई
भूल भुलेखे जदों साडी याद आए...
जींद जान माए अस्सां तेरे लेखे लई ए,
रानिये नी क्यूं नहीं होंदी साडी सुनवाई ए ।
मंदिरां च आके कोई टल खडकाए, सानु याद कर लई
भूल भुलेखे जदों साडी याद आए...
ज़िन्दगी दी बड़ी मेरी तेरे ही सहारे माँ
डोब दे या ला दे ऐनू खुद ही किनारे माँ ।
‘चंचल’ दी बेडी जदों हिचकोले खाए, सानु याद कर लई
भूल भुलेखे जदों साडी याद आए...
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