सोमवार, 21 अगस्त 2017

Maa Ne Khel Rachayaa Hai

माँ ने खेल रचाया है हुन मौजा ही मौजा
दर ते आप बुलाया है हुन मौजा ही मौजा
असां ने उस तो जो भी मंगेया, माँ ने झोली पाया है, हुन...

सो सो वारी चरना च मत्थे अस्सी टेके जदों, हो गईया दूर ने उदासियां ।
दुनिया दी शानी महारानी दा दीदार कर खुश होयियाँ अंखियाँ प्यासियाँ ।
चरना चो वग्दी गंगा दा माँ ने अमृत पान कराया है, हुन मौजा ही मौजा ॥
शीतल मिल गयी छाया ए, हुन मौजा ही मौजा ।
मेहर दा मीह बरसाया ए, हुन मौजा ही मौजा ।

माँ ने कईयां जन्मा दे धोने हुण धो दित्ते, दित्तियाँ ए नेह्मता सारीयां ।
खुश विच्च लगदे ना धरती ते पैर मेरे, बिना खम्बो लावा मैं उडारीयाँ ।
देवी पंजमी ने दुखड़े हर के रोंदा मूह हसाया ए, हुन मौजा ही मौजा ॥
जलवा नवा दिखाया ए, हुन मौजा ही मौजा ।
कुंदन हो गयी काया ए, हुन मौजा ही मौजा ।

सूनी सूनी जिंदगी दे सूखे सूखे बाग़ विच्च मेहकियां बहारा हुण लाख माँ ।
ऐस पासे तकेया तू मेहर दीया अंखा नाल, खुली मेरी कर्मा दी आँख माँ ।
मेरे मन दे मंदिरां अन्दर डेरा माँ तू लाया ए, हुन मौजा ही मौजा ॥
सुता भाग जगाया ए, हुन मौजा ही मौजा ।
सदा लायी चरनी लाया ए, हुन मौजा ही मौजा ।

अष्ट भुजी दाती  माँ ने मेहरा दी पिटारी खोल बढ़िया सोगाता अज्ज कडियां ।
तीनों लोकां दियां सारियां ही रेहमता बचेया तो वार हुण छडीया ।
माँ ने अपनी भक्ति दा सानु पावन नशा चढ़ाया ए, हुन मौजा ही मौजा ॥
अपना नाम जपाया ए, हुन मौजा ही मौजा ।
रोम रोम हर्षाया ए, हुन मौजा ही मौजा ।
महा मयी दी माया ए, हुन मौजा ही मौजा ।
दिन खुशियाँ दा आया ए, हुन मौजा ही मौजा ।

Punjabiyaa di shaan vakhri

पंजाबीयों की शान वखरी, भक्तो की शान वखरी ।
कोई माई दर जाए, कोई साई घर जाए, कोई जाए गुरां दे द्वारे
पंजाबीयों की शान वखरी...

किधरे मंदिरां विच्च आरती, गुरुद्वारे गुरुबानी
किधर भगत पाए गांदे ने साई दी अमर कहानी
सारे हुंदे ने मगन, सब ने इक्को ही लगन
साडी बेड़ी लगे किनारे, जय हो...
पंजाबीयों की शान वखरी...

सब दे अपने अपने रस्ते, अपनी अपनी पूजा
पर सभना दा भाईचारा तोड़ सके ना दूजा
माँ है सब की ही माँ, इसके चरणों में जहां
माँ ने लगदे लाल प्यारे, जय हो...
पंजाबीयों की शान वखरी...

माँ के भक्तो भरो झोलिया, माँ के खेल न्यारे
साई सतगुरु राम कृष्ण शिव दिसदे माँ विच सारे
एहदे दर जो आये, खली ना ओह जाए,
एहदे भरे रेहन भंडारे, जय हो...
पंजाबीयों की शान वखरी...

यह जगदम्बे मात वैष्णो सारे जग की रानी
एहदे जेहा कोई होर न ‘चंचल’ एह है जग कल्याणी
आओ नाचिये गाईये सारे भंगड़े पाइये
लाईये माँ दे जैकारे, जय हो...
पंजाबीयों की शान वखरी...

Bhul Bhulekhey Sanu Yaad Kar Laii

भूल भुलेखे जदों साडी याद आवे, सानु याद कर लई
गुफा विच बैठी ये जे दिल घबराए तेरा, ते सानु याद कर लई

अस्सी तेरे बच्चे दस सानु क्यूं बिसरियां,
सुनी ना पुकार साडी, जदों वी पुकारया ।
जदों तेरे कन्नां तक साडी वाज़ जाए, सानु याद कर लई माँ
भूल भुलेखे जदों साडी याद आए...

माए तेरे दीद दियां अखियाँ प्यासियां,
कदों तक रैन गियाँ दिलां च उदासियाँ ।
एदे कोलों पहेलां मेरी सांस टूट जाये, सानु याद कर लई
भूल भुलेखे जदों साडी याद आए...

जींद जान माए अस्सां तेरे लेखे लई ए,
रानिये नी क्यूं नहीं होंदी साडी सुनवाई ए ।
मंदिरां च आके कोई टल खडकाए, सानु याद कर लई
भूल भुलेखे जदों साडी याद आए...

ज़िन्दगी दी बड़ी मेरी तेरे ही सहारे माँ
डोब दे या ला दे ऐनू खुद ही किनारे माँ ।
‘चंचल’ दी बेडी जदों हिचकोले खाए, सानु याद कर लई
भूल भुलेखे जदों साडी याद आए...

शनिवार, 19 अगस्त 2017

Manglo Muradaa Manglo Jogi De Darbaar Toh

मंगलो मुरादां मंगलो मेरे जोगी दे दरबार तो
खाली झोलियाँ भरलो मेरे जोगी दे दरबार तो

सारी दुनिया दा वाली हैं तु
माँ रतनो दा पाली हैं तु
मुह मंगेया वर पालो सिध्द जोगी दे दरबार तो

मावां नु तु बच्चडे देवे
भैना नु तु विर मिलावे
खज़ाने खुशियाँ वाले मंगलो सिध्द जोगी दे दरबार तो

अंत समय पछताणा पैना
ऐ वेला फेर हथ नहीं अणा
जिवन सफल करलो सिध्द जोगी दे दरबार तो

Mai Aap Na Laiyaa Vey Lakhwinder Wadali Jogiya Style

मै आप ना लाईयाँ वे, ऐ लगियां ज़ोरा ज़ोरी।
सानु तेरियाँ लोड़ा वे, तु मुखड़ा ना मोड़ी।।

झड के सारी दुनिया नु जोगिया नाल तेरे मै लाईयाँ।
कदमा विच रख लै तु जोगिया वे कमली देया सांईया।।
हर गलती माफ करी, मै अकला तो कोरी।
मै आप ना लाईयाँ वे, ऐ लगियां ज़ोरा ज़ोरी।।

तेरे लड़ लगियां वे, जोगिया तु मुखड़ा ना मोड़ी,
मेरी लगियां प्रिता नु, जोगिया तु ऐवे ना तोड़ी।
मै जिऊँदी मर जावांगी, जोगिया जे तु बांह मेरी झोडी।
मै आप ना लाईयाँ वे, ऐ लगियां ज़ोरा ज़ोरी।।

मै आप ना लाईयाँ वे, ऐ लगियां ज़ोरा ज़ोरी।
सानु तेरियाँ लोड़ा वे, तु मुखड़ा ना मोड़ी।।

Bakhshi Tu Bakhshi

बख्शी जोगिया तु बख्शी मेरेया गुनाहा नु।
तेरे लेखे लाऊँदा राहां आऊंदे जानदे साहां नु।।

लादे बने जोगिया तु बेड़ी मेरी डोलदी,
कर देवी माफ भुल मेरी अनमोल दी।
बेड़ी बने लाऊंदी, दे ताकत मलाहा नु,
बख्शी जोगिया तु बख्शी मेरेया गुनाहा नु।।

मन सी हंकारी तैनु ऐवे रेहा भुलेया,
ऐवे ही मै झुठियां नियामता ते डुलेया।
राह झड सचा ऐंवे टुर पेया कु राहां नु,
बख्शी जोगिया तु बख्शी मेरेया गुनाहा नु।।

तेरे बिना होर ना सहारा कोई गरीब दा,
बदली सितारा जोगी विक्की दे नसिब दा।
भुले ना कर्म जिदा दर दिया रावां नु,
बख्शी जोगिया तु बख्शी मेरेया गुनाहा नु।।

Kamaal Ho Gaya Lakhwinder Wadali Hindi Lyrics

पौना हारिया नी मैं खुशि च निहाल हो गया।
ऐसी कृपा तु किती के कमाल हो गया।।

रहन नहीं ओ दितियाँ तु खुशियाँ अधुरियाँ,
चाह सारे पुरे रिझा कितियाँ तु पुरियाँ।
मेरा हर ईक पुरा सवाल हो गया,
ऐसी कृपा तु किती के कमाल हो गया।।

पैर पैर ऊते मेरी रखी तु लाज ऐ,
बछडे तेरे नु तेरे ऊते बडा नाज़ ऐ।
ऐ करिशमा ता बड़ा ही बेमिसाल हो गया,
ऐसी कृपा तु किती के कमाल हो गया।।

चार चन लाऐ तु मेरी उमिद नु,
चरणा च रखी अरमान जीत नु।
विक्की अलबेला तेरा मालो माल हो गया
ऐसी कृपा तु किती के कमाल हो गया।।

शुक्रवार, 18 अगस्त 2017

Ona Di Gal Hor Hundi Hai Feroz Khan Baba Balak Nath Bhajan Hindi Lyrics

जेडे तेरे रंगा च रंग गऐ औना दी गल होर हुंदी है।
भांवे कुछ वी ज़माना कहे औना दी गल होर हुंदी है।।

सुध बुध मन जोड़ लैंदे जोगी तेरे नाल जो
मस्ती मनाऊँदे खुश रहंदे हर हला ओ
जीना आसरे जोगी दे सदा लऐ
औना दी गल होर हुंदी है।

भक्त पेयारेया ने रंगाया रंग खास ऐ
औकड़ा मुसिबता नु जानेया मज़ाक ऐ
मेरे जोगी दे भरोसे जेडे रहे
औना दी गल होर हुंदी है।

लाल तेरे सारे आसां तेरे ते टिकाऊँदे ने
निवे होके रहन चंगी भावना बनाऊँदे ने
विक्की अलबेला ऐहो गल कहे
औना दी गल होर हुंदी है।

जेडे तेरे रंगा च रंग गऐ औना दी गल होर हुंदी है।
भांवे कुछ वी ज़माना कहे औना दी गल होर हुंदी है।।

सोमवार, 14 अगस्त 2017

Arey Dwarpalo Kanhaiya Se Kehdo Lakhbir Singh Lakha Hindi Lyrics

(देखो देखो ये गरीबी, ये गरीबी का हाल
कृष्ण के दर पे विश्वास लेके आया हूँ
मेरे बचपन का यार है मेरा श्याम
यही सोच कर मै आस करके आया हूँ)

अरे द्वारपालों, कन्हैया से कह दो,
के दर पे सुदामा गरीब आ गया है

भटकते भटकते न जाने कहां से
तुम्हारे महल के करीब आ गया है

अरे द्वारपालों, कन्हैया से कह दो
के दर पे सुदामा गरीब आ गया है

न सर पे है पगड़ी, न तन पे है जामा
बता दो कन्हैया को, नाम है सुदामा

एक बार मोहन से जा कर के कह दो
के मिलने सखा बद-नसीब आ गया है

अरे द्वारपालों, कन्हैया से कह दो
के दर पे सुदामा गरीब आ गया है

सुनते ही दौड़े चले आये मोहन
लगाया गले से सुदामा को मोहन

हुआ रुकमणी को बहुत ही अचंभा
यह मेहमान कैसा अजीब आ गया है

बराबर में अपने सुदामा बिठाए,
चरण आंसुओं से श्याम ने धुलाए

ना घबराओ प्यारे जरा तुम सुदामा,
ख़ुशी का समां तेरे करीब आ गया है

अरे द्वारपालों, कन्हैया से कह दो
के दर पे सुदामा गरीब आ गया है

मने नाचन दे जगराते मे।।

मै तो नाचूँ मईया जी के नवरते मे, मने नाचन दे जगराते मे।। ढोलक झांझ मन्झिरे बाजे, अन्ग्ना मईया आन बिराजे, अरे मै तो आज नहीं हुँ आपे मे, मने न...