ना मांगू मैं हाथी घोडे ना चाहूँ मैं कार
मेरा जंमदिन है मेरे पापा ले चलो माँ के द्वार।
मै दरबार जाऊँगा जंमदिन वहाँ मनाऊँगा
दयावान हे मैय्या मेहरबान है मैय्या ।।
नहीं जलानी कैंडल मुझको, माँ की जोत जगानी है
मै भी माँ का लाल बनूँगा मैने मन में ठानी है
मेरी बातें सुनकर पापा ना करना इंकार
मेरा जंमदिन है,,,,,,,,
नहीं काटना केक मुझे मैं कंजके वहाँ बिठाऊँगा
छोटी-छोटी कंजको को हलवे का भोग लगाऊंगा
मिल जाऐगा मुझको भी जगजननी का दिदार
मेरा जंमदिन है,,,,,,,,
मेरी मैय्या प्यारी मैय्या सारे जग से न्यारी है
सचे मन से जो भी माँगो देती खुशियाँ सारी है
त्रिलोकी की चंचल सारे जग की पालन हार
मेरा जंमदिन है,,,,,,,,
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