कुंडला वालेया ज़रा अख मिलायी ओये,
मैं वी आयी आ क्यों नीवी पायी ओये,
लोकी कहंदे तू भोलेया नु ठगना ऐ,
पर मैं की करा तू मेनू सोहना लगना ऐ,
सवाली सूरत ने मेरी सूरत घुमाई ओये,
मैं वी ..........
माला जपदी आ मन मेरा टिकदा नहीं,
किदरो ले आवा तू हटियो विकदा नहीं,
औ तेरे नाम बिना, मेरी ज़िन्द कुमलाई ओये,
मैं वी आई .....
तीर विछोड़े दे मेरे सीने वडदे ने,
जे मैं रोनी आ लोकी टीचरा करदे ने,
दस मैं की करा मेरी जान ते आई ओये,
मैं वी........
जन्मा जन्मा तो मेरी अखिया प्यासी ओये,
हर वारी भूल जांना ऐ मैं तेरी श्री हरिदासी ओये,
औ गेहड़ चौरासी दे विच ना हुन पायी ओये,
मैं वी.....