हां हां मात मेरी पींघा झूटे
हां हां मात मेरी पींघा झूटे
झूटे सखियाँ नाल मात मेरी पींघा झूटे
हां हां मात मेरी पींघा झूटे
सावन दी रुत आई सुहानी,
भवन दे बदलीयां छाईयां
चिन्तपूर्णी मात मेरी ने,
सब नु चिट्ठियां पाईया
धार के कजंका रूप देवीयां,
उतर पहाङो आईया, मात मेरी पींघा झूटे
हां हां मात मेरी पींघा झूटे.
झूटे सखियाँ नाल मात मेरी पींघा झूटे,
हां हां मात मेरी पींघा झूटे
बोङा ऊते पींघा पाईया,
दाती बोङा वाली
बुटे बुटे झूटे लैंदीया,
कोई वी पींघ ना खाली
मस्त पवनीया पींघ झुलावे,
पींघ बनी हर डाली, मात मेरी पींघा झूटे
हां हां मात मेरी पींघा झूटे.
झूटे सखियाँ नाल मात मेरी पींघा झूटे,
हां हां मात मेरी पींघा झूटे
लम्बे ऊंचे झूटे झूटण,
चङ के पवन हुलारे
सुरज बदला दे विच लुक के,
वेखे खेल निराले
चन्न झरोखे विचो झांके,
माँ दी नजर उतारे,
मात मेरी पींघा झूटे
हां हां मात मेरी पींघा झूटे.
झूटे सखियाँ नाल मात मेरी पींघा झूटे,
आहा मात मेरी पींघा झूटे
वर्षा ऋतु विच बदल बण के,
मैया सुख बरसावे
मेहरा दे छींटे दे सब नु,
दिल दी प्यास बुझा दे
हर ले जोश दिला दी चिन्ता,
सब दे कष्ट मिटांवे, मात मेरी पींघा झूटे
हां हां मात मेरी पींघा झूटे.
झूटे सखियाँ नाल मात मेरी पींघा झूटे,
आहा मात मेरी पींघा झूटे
झूटे ज्वाला रानी मात मेरी पींघा झूटे,
झुटे कागंङे वाली मात मेरी पींघा झूटे
झूटे चामुण्डा मात मात मेरी पींघा झूटे,
झूटे नैनां देवी मात मेरी पींघा झूटे
झुटे वैष्णो मात मात मेरी पींघा झूटे,
झूटे सखियाँ नाल मात मेरी पींघा झूटे